मिस इंग्लैंड मिली मागी (Milla Magee) ने भारत के हैदराबाद में आयोजित मिस वर्ल्ड 2025 प्रतियोगिता को बीच में छोड़कर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। उन्होंने न सिर्फ प्रतियोगिता से नाम वापस लिया, बल्कि मीडिया में खुलकर यह भी कहा कि उन्हें इस आयोजन ने “वेश्या जैसा महसूस” कराया। यह बयान नारी गरिमा और सौंदर्य प्रतियोगिताओं की नैतिकता पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
मिली मागी कौन हैं?
24 वर्षीय मिली मागी यूनाइटेड किंगडम की मिस इंग्लैंड 2024 विजेता हैं। वह न्यूकी, कॉर्नवाल की रहने वाली हैं और पेशे से एक लाइफगार्ड हैं। वह प्लस-साइज़ मॉडलिंग की प्रतिनिधि रही हैं और ‘ब्यूटी विद अ पर्पज़’ का समर्थन करती आई हैं। उन्होंने CPR के प्रचार के लिए कई अभियानों में हिस्सा लिया और ब्रिटिश रॉयल फैमिली से भी उन्हें समर्थन मिला।
मिस वर्ल्ड 2025 प्रतियोगिता का आयोजन
इस वर्ष की मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता भारत के हैदराबाद में आयोजित हो रही थी। प्रतियोगिता में लगभग 100 देशों की प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह एक महीने तक चलने वाला ग्लैमरस कार्यक्रम होता है जिसमें फैशन शो, सोशल प्रोजेक्ट्स और विभिन्न इंटरव्यू शामिल होते हैं।
मिली मागी ने प्रतियोगिता क्यों छोड़ी?
मीडिया से बातचीत में मिली ने कहा कि उन्होंने प्रतियोगिता इसलिए छोड़ी क्योंकि उन्हें वहां “एक परफॉर्मिंग मंकी” की तरह ट्रीट किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि महिला प्रतियोगियों को अमीर पुरुषों के सामने परोसा गया जैसे वे किसी मनोरंजन का हिस्सा हों।
“इस प्रतियोगिता में मुझे ऐसा महसूस हुआ जैसे मैं एक वेश्या हूं, जिसे मनोरंजन के लिए बैठाया गया है। हम दिनभर भारी मेकअप में रहते, गाउन पहनते और किसी भी वक्त अमीर मेहमानों के सामने पेश कर दिए जाते।”
मिस वर्ल्ड आयोजकों की प्रतिक्रिया
मिस वर्ल्ड संगठन ने इन आरोपों को “झूठा और मानहानिकारक” बताया। उन्होंने दावा किया कि मिली ने अपनी मां की बीमारी के कारण प्रतियोगिता छोड़ी थी और यह पूरी तरह से सहमति से किया गया था। आयोजकों ने यह भी कहा कि उनके पास ऐसे वीडियो और रिकॉर्ड्स हैं, जिनसे यह साबित होता है कि मिली इवेंट्स के दौरान काफी खुश और उत्साहित थीं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर यह विषय बहुत तेजी से वायरल हुआ। कई लोगों ने मिली के साहस की सराहना की, वहीं कुछ ने इसे एक पब्लिसिटी स्टंट भी बताया। सोशल प्लेटफॉर्म्स पर #StandWithMilla और #MissWorldControversy जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
फेमिनिज़्म और सौंदर्य प्रतियोगिता की आलोचना
यह पहला मौका नहीं है जब किसी सौंदर्य प्रतियोगिता को नारी विरोधी बताया गया हो। पहले भी कई बार ऐसे आयोजनों पर सवाल उठ चुके हैं। आलोचक कहते हैं कि ये आयोजक महिलाओं को एक ‘उत्पाद’ के रूप में पेश करते हैं, न कि एक सशक्त व्यक्ति के रूप में।
क्या यह सिर्फ ग्लैमर है या शोषण?
सवाल यह है कि क्या आज के आधुनिक युग में सौंदर्य प्रतियोगिताएं वाकई में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देती हैं, या फिर यह सिर्फ एक ग्लैमर इंडस्ट्री है जहां महिलाओं का वस्तुकरण होता है? मिली का बयान इस बहस को और तेज कर गया है।
क्या भविष्य में बदलाव होंगे?
मिली के इस कदम के बाद संभव है कि मिस वर्ल्ड और अन्य प्रतियोगिताओं को अधिक पारदर्शी और सम्मानजनक बनाना पड़े। आयोजन समिति पर यह दबाव जरूर पड़ेगा कि वे अपनी प्रक्रियाओं को सार्वजनिक करें और महिलाओं की गरिमा को सर्वोपरि रखें।
निष्कर्ष
मिली मागी के बयान ने पूरी दुनिया में सौंदर्य प्रतियोगिताओं की नैतिकता पर बहस छेड़ दी है। उनका यह साहसी कदम भविष्य में बदलाव की नींव रख सकता है। यह समय है कि हम सिर्फ सुंदरता के आधार पर महिलाओं का मूल्यांकन करना बंद करें और उनकी आवाज को भी सुनें।