2 मई 2025 को दिल्ली में आए भीषण तूफान और भारी बारिश ने राजधानी को हिला कर रख दिया। इस प्राकृतिक आपदा में 4 लोगों की मौत हो गई और 25 से अधिक पेड़ उखड़ गए, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ।
मुख्य घटनाएं
- मौतें: एक ही परिवार के चार सदस्य उस समय मारे गए जब उनके कमरे पर पेड़ गिर गया। [स्रोत]
- तेज हवाएं: 70-100 किमी/घंटा की रफ्तार से चली हवाओं ने कई इलाकों में पेड़ों और संरचनाओं को नुकसान पहुंचाया।
- यातायात बाधित: हवाई अड्डे पर उड़ानें विलंबित हुईं, मेट्रो सेवाएं प्रभावित हुईं और सड़कों पर जाम लग गया।
- ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान: जामा मस्जिद की मीनार और गुंबद को नुकसान पहुंचा, जिससे दो लोग घायल हो गए। [स्रोत]
प्रभावित क्षेत्र
तूफान और बारिश का प्रभाव दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में महसूस किया गया:
- लुटियंस दिल्ली: पेड़ गिरने और जलभराव की कई घटनाएं दर्ज की गईं।
- कश्मीरी गेट, आईटीओ, एमबी रोड: भारी जलभराव और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही।
- राजघाट: पेड़ गिरने से यातायात प्रभावित हुआ।
- जामा मस्जिद क्षेत्र: ऐतिहासिक इमारत को नुकसान पहुंचा।
सरकारी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा:
“प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। हम इस कठिन समय में उनके साथ हैं।”
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि यह मई 2021 के बाद की सबसे भारी बारिश थी। उन्होंने आगे भी तेज हवाओं और बारिश की संभावना जताई है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
WaterAid की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, घनी आबादी वाले क्षेत्रों में मौसम के चरम रूपों की आवृत्ति बढ़ रही है, जो जलवायु परिवर्तन का संकेत है। [स्रोत]
सावधानियां और सुझाव
- तेज हवाओं और बारिश के दौरान घर के अंदर रहें।
- बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहें।
- यात्रा से पहले मौसम की जानकारी प्राप्त करें।
- आपातकालीन सेवाओं के संपर्क नंबर अपने पास रखें।
निष्कर्ष
दिल्ली में 2 मई 2025 को आया तूफान और भारी बारिश एक चेतावनी है कि हमें जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को गंभीरता से लेना होगा। सरकार और नागरिकों को मिलकर ऐसे आपदाओं के लिए तैयार रहना चाहिए और सतर्कता बरतनी चाहिए।
यह रिपोर्ट विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है।