अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेड़ी वाइन्स का भारत दौरा: जानिए क्या-क्या हुआ

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेड़ी वाइन्स का भारत दौरा: जानिए क्या-क्या हुआ

 

अमेरिका की उपराष्ट्रपति जेड़ी वाइन्स ने हाल ही में भारत का एक महत्वपूर्ण और रणनीतिक दौरा किया। यह दौरा दोनों देशों के बीच बढ़ते हुए रिश्तों को नई ऊँचाई देने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। इस दौरे में राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई।

✈️ जेड़ी वाइन्स का आगमन और स्वागत

जेड़ी वाइन्स 3 दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंचीं। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका भव्य स्वागत किया गया। भारतीय विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका अभिनंदन किया। एयरपोर्ट पर पारंपरिक भारतीय अंदाज में ‘आरती और तिलक’ के साथ स्वागत हुआ, जिससे भारत की सांस्कृतिक विविधता की झलक मिली।

🤝 प्रधानमंत्री से मुलाकात

दौरे की सबसे अहम कड़ी थी उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से। इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई:

  • रणनीतिक साझेदारी को मजबूती देना
  • आर्थिक और व्यापारिक सहयोग बढ़ाना
  • रक्षा सहयोग और तकनीकी ट्रांसफर
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की स्थिरता

इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों को “ग्लोबल पार्टनरशिप” के स्तर पर ले जाना था। भारत-अमेरिका संबंध पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व रूप से मजबूत हुए हैं और यह दौरा उसी दिशा में एक और ठोस कदम माना जा रहा है।

💼 व्यापार और निवेश पर चर्चा

जेड़ी वाइन्स ने भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री के साथ भी मीटिंग की। इस दौरान व्यापार घाटा, अमेरिकी कंपनियों का भारत में निवेश, टेक स्टार्टअप्स के लिए समर्थन जैसे विषयों पर विशेष रूप से चर्चा हुई। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि वे भारत को विश्व की ‘इनोवेशन कैपिटल के रूप में देखते हैं।

जेड़ी वाइन्स ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच व्यापार सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामरिक साझेदारी का आधार बन चुका है।”

🛡️ रक्षा और सुरक्षा सहयोग

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग लगातार बढ़ रहा है। इस दौरे के दौरान दोनों देशों ने निम्नलिखित मुद्दों पर चर्चा की:

  • संयुक्त सैन्य अभ्यास (जैसे युध अभ्यास, मालाबार)
  • साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सहयोग
  • ड्रोन और आधुनिक हथियारों की टेक्नोलॉजी शेयरिंग
  • इंडो-पैसिफिक में रणनीतिक संतुलन बनाए रखना

यह चर्चा इसलिए भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में भारत और अमेरिका दोनों की भूमिका एशिया में चीन के प्रभाव को संतुलित करने में निर्णायक हो सकती है।

🌐 तकनीकी सहयोग और स्टार्टअप्स

जेड़ी वाइन्स ने भारत के कई प्रमुख स्टार्टअप्स के संस्थापकों से भी मुलाकात की। उन्होंने बेंगलुरु स्थित टेक्नोलॉजी हब का दौरा किया जहां AI, क्लाइमेट टेक और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे विषयों पर बातचीत हुई। अमेरिका ने भारत को “Global AI Partnership” में शामिल करने का प्रस्ताव भी दोहराया।

🕌 सांस्कृतिक और शैक्षणिक पहल

जेड़ी वाइन्स ने अपने दौरे के दौरान एक भारतीय विश्वविद्यालय का दौरा भी किया, जहाँ उन्होंने छात्रों को संबोधित किया और कहा कि “युवा पीढ़ी भारत और अमेरिका के रिश्तों को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है।”

उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में भी भाग लिया और योग, आयुर्वेद और भारतीय संगीत की सराहना की।

📢 मीडिया संबोधन

दौरे के अंतिम दिन जेड़ी वाइन्स ने मीडिया से बात करते हुए कहा:

“भारत एक मजबूत लोकतंत्र है और अमेरिका के लिए बेहद महत्वपूर्ण साझेदार है। हम भारत के साथ मिलकर एक सुरक्षित, समृद्ध और टिकाऊ वैश्विक भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।”

🔍 निष्कर्ष

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेड़ी वाइन्स का भारत दौरा दोनों देशों के संबंधों में नई ऊर्जा भरने वाला रहा। यह दौरा दर्शाता है कि अब भारत और अमेरिका के रिश्ते केवल रणनीतिक ही नहीं, बल्कि ग्लोबल पार्टनरशिप के रूप में उभर रहे हैं।

इस दौरे ने यह भी साबित किया कि भारत आज वैश्विक राजनीति, तकनीक और व्यापार का एक केंद्रीय स्तंभ बन चुका है। आने वाले वर्षों में इन दोनों देशों की साझेदारी से न केवल एशिया बल्कि पूरी दुनिया पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।


लेखक: [आपका नाम] | स्रोत: विदेश मंत्रालय, ANI, Reuters

 

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