कर्नल सोफिया कुरैशी: ऑपरेशन सिंदूर का मीडिया ब्रीफिंग करने वाली भारतीय सेना की वीर अधिकारी

कर्नल सोफिया कुरैशी: ऑपरेशन सिंदूर का मीडिया ब्रीफिंग करने वाली भारतीय सेना की वीर अधिकारी


परिचय

7 मई 2025 को, भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इस ऐतिहासिक ऑपरेशन के बाद हुई प्रेस ब्रीफिंग में दो महिला अधिकारियों कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने देश और दुनिया के सामने भारत की सैन्य रणनीति और साहस को रखा। इनमें कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम विशेष रूप से चर्चा में रहा, क्योंकि वह न केवल एक वीर सैनिक हैं, बल्कि भारतीय सेना में महिलाओं के लिए एक प्रेरणास्रोत भी हैं।


कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

सोफिया कुरैशी का जन्म गुजरात में एक सैन्य परिवार में हुआ। उनके दादा भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं, और उनके पति मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के अधिकारी हैं। सोफिया ने बायोकैमिस्ट्री में पोस्टग्रेजुएट की डिग्री हासिल की, जो उनकी वैज्ञानिक दृष्टिकोण और रणनीतिक सोच को दर्शाती है।

सैन्य करियर की शुरुआत

1990 में भारतीय सेना के सिग्नल कोर में कमीशन प्राप्त करने के बाद, सोफिया ने अपने करियर में कई मील के पत्थर हासिल किए। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन (UNPKO) में 6 वर्षों तक सेवा दी, जिसमें 2006 में कॉन्गो में यूएन मिशन शामिल है।


ऐतिहासिक उपलब्धियाँ

  1. एक्सरसाइज फोर्स 18 में नेतृत्व
    2016 में, कर्नल सोफिया ने भारत के सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास एक्सरसाइज फोर्स 18 का नेतृत्व किया। यह अभ्यास पुणे में आयोजित हुआ, जिसमें 18 देशों ने भाग लिया। सोफिया इस अभ्यास में एकमात्र महिला कमांडर थीं और उन्होंने 40 सदस्यीय भारतीय दल का नेतृत्व किया।
  2. शांति मिशन और मानवीय प्रयास
    उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के तहत युद्धग्रस्त क्षेत्रों में युद्धविराम की निगरानी और मानवीय सहायता कार्यों में अहम भूमिका निभाई। उनका कहना है कि यह सेवा उनके लिए “गर्व का पल” थी।

ऑपरेशन सिंदूर में भूमिका

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

  • मीडिया ब्रीफिंग का नेतृत्व: कर्नल सोफिया ने विदेश सचिव विक्रम मिश्रा और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर इस ऑपरेशन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह स्ट्राइक “विश्वसनीय खुफिया जानकारी” पर आधारित थी और इसे नागरिक हानि से बचाते हुए अंजाम दिया गया।
  • रणनीतिक संदेश: उनकी उपस्थिति ने भारत की सैन्य नीति में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया। लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि उनका चयन “लिंग नहीं, बल्कि योग्यता और नेतृत्व क्षमता” के आधार पर हुआ।

महिला सशक्तिकरण का प्रतीक

कर्नल सोफिया ने सेना में महिलाओं के लिए रास्ता खोलने का काम किया है। उनका संदेश स्पष्ट है: “मेहनत और समर्पण से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।” उन्होंने युवा महिलाओं को सेना में आने के लिए प्रेरित किया है और कहा है कि देश की सेवा करना सबसे बड़ा गर्व है।

  • पारिवारिक समर्थन: सैन्य परिवार से होने के कारण उन्हें परिवार का पूरा सहयोग मिला। उनके पति भी सेना में हैं, जो उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भविष्य की राह

कर्नल सोफिया का लक्ष्य भारतीय सेना में महिलाओं के लिए एक समावेशी माहौल बनाना है। वह मेंटरशिप प्रोग्राम और प्रशिक्षण के माध्यम से युवा अधिकारियों को प्रोत्साहित करना चाहती हैं।


निष्कर्ष

कर्नल सोफिया कुरैशी न केवल एक सैन्य नेता हैं, बल्कि भारतीय सेना की “Iron Lady हैं, जिन्होंने अपने साहस और योग्यता से देश का गौरव बढ़ाया है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में उनकी भूमिका ने यह साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी मोर्चे पर पुरुषों से कम नहीं हैं। उनकी कहानी हर उस युवती के लिए प्रेरणा है, जो देश की सेवा करने का सपना देखती है।

 

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