Group Captain शुभांशु शुक्ला, भारतीय वायुसेना के अनुभवी टेस्ट पायलट, Axiom‑4 मिशन के पायलट के रूप में ISS तक जाएँगे। यह उनके और भारत के लिए एक ऐतिहासिक यात्रा होगी।
🛰️ कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
- जन्म: 10 अक्टूबर 1985, लखनऊ। NDA (2005) से BSc, एयर फोर्स अकादमी से कमिशन्ड (2006)
- IAF में ~2000 घंटे उड़ान, Su‑30, MiG‑21, MiG‑29, Jaguar जैसे विमानों पर परीक्षण
- 2019 में ISRO व IAM के संयुक्त Gaganyaan कार्यक्रम का हिस्सा चुने गए। रुस और बेल्लोरु में प्रशिक्षण
- आज Axiom‑4 मिशन के लिए चुने गए: पहले भारतीय जो ISS पर पहुंचेंगे
🚀 Axiom‑4 मिशन का सफर
लॉन्च स्थल: केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा। रॉकेट: SpaceX Falcon‑9, Crew Dragon C213। मिशन ड्यूरेशन: ~14–21 दिन
क्रू में हैं: कमांडर Peggy Whitson (USA), पायलट शुभांशु शुक्ला (India), मिशन स्पेशलिस्ट Sławosz Uznański‑Wisniewski (Poland), Tibor Kapu (Hungary)
🧪 ISS पर वैज्ञानिक प्रयोग
- Micro‑algae विकास (ICGEB & NIPGR)
- मायोजेनेसिस: सूजन और मांसपेशियों की मरम्मत
- Salad बीज अंकुरण
- Tardigrade जीवों का अध्ययन
- मानव‑डिस्प्ले इंटरैक्शन
- Cyanobacteria aur Proteomics
- खाद्य बीजों की उपज विश्लेषण
🌍 महत्व और प्रेरणा
यह मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में मील का पत्थर है—Rakesh Sharma के बाद हॉस्पिटल स्टेशन में भेजा गया पहला भारतीय नागरिक ISS पर जाएंगे
शुभांशु ने कहा: “यह सिर्फ मेरी यात्रा नहीं, 1.4 बिलियन भारतीयों की यात्रा है।”
🛑 लॉन्च में देरी और चुनौतियाँ
मिशन मूलतः 29 मई को था, बाद में 10‑11 जून शिफ्ट हुआ, लेकिन फिर LOX लीक और मौसम कारणों से अनिश्चितकाल स्थगित हुआ । Neil deGrasse Tyson ने बताया कि ऐसी देरी अंतरिक्ष मिशन में सामान्य हैं
📝 निष्कर्ष
Axiom‑4 मिशन शुभांशु शुक्ला के लिए विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, अनुभव, और ISS पर भारत‑संयुक्त प्रयोगों का अवसर है। यह न केवल एक तकनीकी सफलाता है, बल्कि Gaganyaan जैसी भविष्य की भारतीय मिशनों के लिये मार्ग खोलता है।