ईरान और इज़राइल के बीच हालिया संघर्ष ने मध्य-पूर्व को एक बार फिर युद्ध की दहलीज पर ला खड़ा किया है। ईरान ने बीते कुछ घंटों में 100 से अधिक ड्रोन इज़राइल पर दागे, जिसके जवाब में इज़राइल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू किया। आइए जानते हैं इस संघर्ष की पूरी कहानी और इसके गहरे प्रभाव।
1 पृष्ठभूमि
ईरान और इज़राइल के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। हाल ही में दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच इज़राइल ने अपने वायुसेना और गुप्तचर एजेंसियों के साथ मिलकर ऑपरेशन राइजिंग लायन की योजना बनाई। इस योजना का उद्देश्य था ईरान के न्यूक्लियर और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम को रोकना।
2 इज़राइली जवाबी हमला
13 जून को इज़राइल ने कई स्थानों पर हवाई हमले किए जिनमें तेहरान, नातांज और यज़्द जैसे शहर शामिल थे। इन हमलों में ईरान के कई सैन्य और तकनीकी केंद्रों को निशाना बनाया गया। इज़राइल ने दावा किया कि उसने ईरान की न्यूक्लियर क्षमताओं को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है।
3 ईरान की प्रतिक्रिया
इज़राइल की कार्रवाई के बाद, ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन और कई मिसाइलें इज़राइल की ओर दागीं। इन ड्रोन में कुछ आत्मघाती ड्रोन भी शामिल थे, जिन्हें इज़राइल की वायु रक्षा प्रणाली द्वारा रोका गया। ईरान का दावा है कि उसने इज़राइल के सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाया है।
4 सैन्य विश्लेषण
इस हमले में ईरान ने मोहाजिर 10 जैसे आधुनिक ड्रोन का प्रयोग किया। इज़राइल की ओर से डेविड स्लिंग और आयरन डोम जैसे उन्नत रक्षा प्रणाली का उपयोग किया गया। दोनों देशों के बीच यह तकनीकी टकराव आने वाले समय में और तेज हो सकता है।
5 हताहत और नुकसान
ईरान की ओर से आई रिपोर्टों के अनुसार उसके कम से कम 45 सैनिक और वैज्ञानिक मारे गए हैं। वहीं इज़राइल की ओर से भी 20 से अधिक नागरिकों के घायल होने की पुष्टि हुई है। तेहरान के कुछ भागों में ब्लैकआउट भी देखा गया है।
6 वैश्विक प्रतिक्रियाएं
अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस, भारत सहित कई देशों ने इस संघर्ष पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। कई देशों ने अपने नागरिकों को ईरान और इज़राइल की यात्रा न करने की सलाह दी है।
7 आर्थिक प्रभाव
इस संघर्ष का असर वैश्विक तेल बाजार पर भी पड़ा है। कच्चे तेल की कीमतों में अचानक 7 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। मध्य-पूर्व में जारी अस्थिरता के कारण वैश्विक शेयर बाजार भी असंतुलन में आ गए हैं।
8 आगे की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि संघर्ष इसी तरह जारी रहा तो यह व्यापक युद्ध में बदल सकता है। हालांकि कुछ देश इस तनाव को कूटनीति के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आने वाले दिनों में क्या ईरान और इज़राइल कोई नई सैन्य कार्रवाई करते हैं या नहीं।
9 निष्कर्ष
ईरान और इज़राइल के बीच चल रहा संघर्ष केवल इन दो देशों की समस्या नहीं है, बल्कि इसका असर पूरे विश्व पर पड़ सकता है। यह आवश्यक है कि दोनों देश वार्ता का रास्ता अपनाएं ताकि भविष्य में एक बड़े युद्ध की स्थिति से बचा जा सके।
10 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1 ईरान ने कितने ड्रोन छोड़े
ईरान ने 100 से अधिक ड्रोन इज़राइल पर छोड़े हैं जिनमें से अधिकतर को इज़राइली रक्षा प्रणाली ने रोक लिया है।
प्रश्न 2 इज़राइल ने कौन-कौन से स्थानों पर हमला किया
इज़राइल ने तेहरान, नातांज, यज़्द, इस्फहान जैसे शहरों में सैन्य और तकनीकी ठिकानों को निशाना बनाया।
प्रश्न 3 क्या तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो सकता है
फिलहाल यह कहना जल्दबाज़ी होगी लेकिन यदि तनाव नहीं घटा तो क्षेत्रीय युद्ध का खतरा बढ़ सकता है।